सुंदर कांड में सफलता के सूत्र सफलता

"हनुमान तेहि परसा कर पुनि कीन्ह प्रनाम।
राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम।।"

सुन्दरकाण्ड का प्रथम दोहा है, जिसमें मैनाक पर्वत हनुमान से विश्राम कर लेने का आग्रह करता है किंतु हनुमान जी मैनाक पर्वत से कहते है कि राम का काम किये बगैर मुझे विश्राम नहीं करना है।
साथ ही साथ मैनाक पर्वत का सम्मान करते हुये उन्हे अपने हाथ से स्पर्श भी करते हैं ताकि उनके द्वारा  दिए गये आतिथ्य का सम्मान भी बना रहे।

सुनने और पढने में एक सामान्य कथा का ही बोध होता है किंतु आज की पारिस्थिति और परिवेश में इस दोहे की महत्ता बहुत ही दिखाई देती है।
अंग्रेजी में एक शब्द है FOCUS जिसे मुख्य रूप से corporate world में बहुत उपयोग किया जाता है। सफलता की बात आयी नहीं,goal लक्ष्य की बात हुई नहीं की बस एक ही शब्द एक वक्तव्य "Be focussed "
अपने लक्ष्य के प्रति focussed होने का उदाहरण इससे अच्छा कहाँ मिलेगा और जब आप अपने किसी लक्ष्य की ओर बढ़ना शुरू करते हैं तो अनेकानेक अच्छे बुरे प्रलोभन भी आप को मिलने प्रारंभ हो जाते हैं उन प्रलोभनो से अपने आप को कैसे बचाए इसका भी साक्षात् उदाहरण है इस दोहे में।
 परिश्रम की प्रधानता को बल देने वाले इस दोहे से हमें सीख लेनी चाहिए कि परिश्रम के बिना प्रगति सम्भव नही है किंतु परिश्रम तभी सफल है जब आप लक्ष्य के प्रति समर्पित(Focussed)  और प्रलोभन से वंचित हो विश्राम रहित उद्दंत बने रहे
जय श्री राम,

What are non-compete fees | is GST applicable to professional fees on Non-Compete agreement

Is there GST on non-compete fees? Is GST applicable on participation fees? What are non-compete fees? Is GST applicable to professional fees...